बलिया ददरी मेला सीवान का वीर दौड़ा सबसे तेज दौड़ा बजरंगी दूसरे और बिजली रानी तीसरे स्थान पर रही

बलिया। ददरी मेले में चेतक प्रतियोगिता देखने के लिए सोमवार को हजारों लोग पहुंचे। सीवान का वीर दौड़ा सबसे तेज दौड़ा। बजरंगी दूसरे और बिजली रानी तीसरे स्थान पर रही।
ददरी मेले में चेतक प्रतियोगिता देखने के लिए सुबह से बिहार सहित आसपास के जिले के चेतक प्रेमियों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। दोपहर 12 बजते-बजते ग्राउंड के चारों और इस कदर भीड़ उमड़ी थी कि भीड़ को संभालने में पुलिस को मशक्कत करनी पड़ी। चेतक प्रतियोगिता देखने के लिए हजारों लोग पहुंचे। जैसे ही दौड़ शुरू हुई लोगों ने तालियां बजाकर घुड़सवारों का उत्साहवर्धन किया।

प्रतियोगिता के क्रम में प्रथम, द्वितीय तृतीय तथा चौथे राउंड होने के बाद फाइनल राउंड में कुल आठ घोड़ों के बीच मुकाबला हुआ। मुकाबले में सीवान बिहार के अमोद मुखिया का चेतक वीर अव्वल रहा। लिलारी भरौली निवासी श्रीकांत पांडेय का घोड़ा बजरंगी दूसरे स्थान पर रहा। बलिया के जनाड़ी के नेपाल पांडेय की घोड़ी बिजली रानी को तीसरा स्थान मिला। तीन घोड़ों को सांत्वना पुरस्कार के लिए चुना गया। तीन घोड़े बाउंड्री से सटने के कारण फाउल हो गए। इसपर एक मालिक ने हंगामा किया। निर्णायक मंडल पर गलत निर्णय करने का आरोप लगाने लगा।
मुख्य अतिथि पूर्व सांसद वीरेन्द्र सिंह मस्त, धर्मेंद्रर सिंह, नपा चेयरमैन संत कुमार मिठाई लाल, सीआरओ त्रिभुवन, सिटी मजिस्ट्रेट इंद्रक्रांत द्विवेदी, सीओ सिटी गौरव कुमार ने संयुक्त रूम से विजेता घोड़ा मालिकों को सम्मानित किया। इस दौरान पूरा परिसर भृगु बाबा की जयकारे से गूंज उठा। कार्यक्रम के दौरान ददरी मेला का थीम साॅन्ग बजता रहा। सुरक्षा को लेकर कई थानों से आई पुलिस फोर्स मौजूद रही। मेला थाना प्रभारी अमरजीत यादव सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेते रहे।

इससे पहले मुख्य अतिथि पूर्व सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त ने चेतक प्रतियोगिता को हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया। निर्णायक मंडल में दमदम राय, शिवशंकर मिश्र, राम नारायण यादव, गोलू सिंह, आशीष सिंह शामिल रहे।


फाइनल राउंड में दौड़े आठ घोड़े : दोपहर 12.30 बजे चेतक प्रतियोगिता शुरू हुई। 20 घोड़ों ने हिस्सा लिया। चार राउंड में पांच-पांच घोड़ों के बीच प्रतियोगिता हुई। हर राउंड तीन किलोमीटर का था, जबकि फाइनल राउंड चार किलोमीटर का रहा। प्रत्येक राउंड में प्रथम व द्वितीय स्थान पाने वाले घुड़सवारों को फाइनल में जगह दी गई। आठ घोड़े फाइनल में पहुंचे।

बिन घुड़सवार के दौड़ा कल्लू राजा ….

चेतक के फाइनल में सीवान के वीर व शाहपुर के कल्लू राजा में जोरदार टक्कर रही। दोनों एक बारबार दौड़ रहे थे, दूसरे राउंड का चक्कर पूरा करने के दौरान मोड़ पर दोनों घोड़े बराबर दौड़ने के कारण एक दूसरे से सट गए, जिसमें कल्लू राजा का चेस्ट नंबर 11 घुड़सवार बांस से चोट लगने से असंतुलित होकर गिर पड़ा। धुड़सवार के गिरने के बावजूद घोड़ा कल्लू राजा उसी वेग में दौड़ता रहा। वह तीसरे चक्कर में पीछे हुआ, उसका हौसला देखकर दर्शक भी जोश में आ गए। घोड़े कल्लू राजा के सवार को सांत्वना पुरस्कार दिया गया । झउवा के हरेराम मुखिया के घोड़े राकेट व महेशपुर के मो. मकसूद के घोड़े पूर्वाचल एक्सप्रेस को भी सांत्वना पुरस्कार मिला।


रेस के दौरान दर्शकों के दबाव से टूटी बल्ली

फाइनल मुकाबला काफी रोमांचक रहा। घुड़सवार गिरने के बाद भी घोड़े कल्लू राजा के दौड़ते रहने पर दर्शक इस कदर जोश में आए कि भीड़ के दबाव से बल्ली टूट गई। दर्शक रेस कोर्स तक आ गए। लेकिन सुरक्षा में तैनात जवानों की सतर्कता से मैदान तक नहीं पहुंच सके।


भेदभाव का आरोप लगा नहीं लिया सांत्वना पुरस्कार
नगरपालिका व निर्णायक मंडल ने तीन घोड़ाें को सांत्वना पुरस्कार दिया। लेकिन घोड़ा मालिक निर्णायक मंडल पर सरपट व चाल में गलत निर्णय देने का आरोप लगाया। महेशपुर के मो. मकसूद के लोगों ने दौड़ में दूसरा स्थान आने को लेकर हंगामा किया। निर्णायक मंडल ने सरपट व सुरक्षा घेरे को टच करने का आरोप लगाते हुए फाउल कर दिया। इसको लेकर काफी देर गहमा गहमी रही। उन्हें सांत्वना पुरस्कार के लिए चुना गया, लेकिन घोड़े के मालिक ने इसका बहिष्कार कर दिया औरघोड़े को लेकर वापस चला गया।

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